एक नई माँ बनना एक अद्भुत बात है, लेकिन ज्यादातर लोग मानते हैं कि यह अपेक्षाकृत आसान समय हो सकता है, क्योंकि बच्चा बहुत छोटा है। इसके साथ होने वाली भ्रम और तनाव बहुत मुश्किल हो सकता है। स्तनपान जैसा आसान कार्य, जो बिलकुल सरल लगता है, उसे सही तरह से करना पेचीदा हो सकता है। यहां पर कुछ् उपयोगी सुझाव दिए गए हैं जो यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप और आपका शिशु स्तनपान की इस दुनिया को सहजता से अपना सकें।
1. जितनी जल्दी हो सके अपने शिशु को स्तनपान कराएँ–अगर आप और आपका शिशु ठीक हों , तो जन्म के तुरंत बाद इसे कराना आदर्श है।
2. सही स्थिति में स्तनपान कराने के लिए मदद लें। यदि आपको दर्द हो रहा है तो शायद यह स्थिति निर्धारण की समस्या हो सकती है। शुरुआती कोमलता का अनुभव करना सामान्य है, परंतु यदि आप महसूस कर रही पीड़ा बदतर हो जाती है, तो यह सामान्य नहीं है। अस्पताल की दाई, या समुदाय की दाई जो आपके घर पर आती है, वह स्थनपान की स्थिति निर्धारण में सुधार करने में आपकी सहायता कर सकती है, जिससे यह दर्दनाक नहीं होगा।
3. अपने शिशु को आपके करीब रखें। जब आपका शिशु आपसे लिपटा हो, तब त्वचा का त्वचा से संपर्क (जैसे और जब संभव हो), आपके शिशु के लिए सुखदायक हो सकता है और भूख लगने पर उनके द्वारा किए जाने वाले संकेतों को आपको प्रतिक्रिया देने में सहायता होगी।
4. शुरुआती दिनो में बार-बार दूध पीना सामान्य है क्योकि भूख शिशुओं की एक सक्रिय वृत्ति है।
फ़िलहाल एक दिनचर्या बनाने की कोशिश न करें, बस अपने शिशु की आवश्यकता और प्रतिक्रियाओ के साथ चलें। शुरुआती दिनों मे यह बार-बार हो सकता हैं।
5. हर बार दोनों स्तनों से शिशु को दूध पिलाएं, भले ही आपका शिशु सिर्फ एक से ही पीता हो।
6. स्तनपान ऐसी प्रक्रिया है जिसे आपको और आपके शिशु को एक साथ सीखना होगाऔर इसे सामान्य और प्राकृतिक महसूस करने में थोड़ा समय लग सकता है। शुरुआती दिनों और सप्ताह में जो होता है वह अच्छे में बदलता है, और वक्त बीतने पर आप इसे सबसे आरामदायक चीज़ की तरह महसूस करेंगी|
7. जब आप शिशु को स्तनपान करा रहीं हैं, तो बेहतर होगा कि उसे किसी भी प्रकार के बोतल से दूध पिलाने की आदत न डालें। बोतल और चूसक का उपयोग आपके शिशु के स्तनपान के ‘कौशल’ पर प्रभाव डाल सकता है।
8. यदि आप लंबे समय तक पीड़ा-मुक्त स्तनपान के बाद पीड़ा महसूस कर रही हैं, तो यह आपके निप्पल पर मुखव्रण (फंगल संक्रमण) का परिणाम हो सकता हैं। अपने चिकित्सक से संपर्क करें। यदि यह स्थिति होने पर आपको और आपके शिशु को चिकित्सा की आवश्यकता पड़ेगी ।
9. बेहतर होगा कि स्तनपान के दौरान आप समय न देखें। सफलता के लिए यह अप्रासंगिक है कि स्तन पर आपका शिशु कितने समय तक है और यह प्राप्त किये जाने वाले दूध की मात्रा को नहीं दर्शाता है। कई शिशु कुछ मिनट में जितना उन्हें चाहिए उतना पी लेते हैं जबकि अन्य कुछ ज्यादा वक्त लेते हैं। बस अपने शिशु की जरुरतों पर बारिकी से नजर रखे।
10. ज्यादातर शिशु स्तनपान के समय स्वाभाविक रूप से विश्राम लेते हैं जो कि समय में भिन्न होते हैं। लेकिन लंबे स्तनपान (जैसे, नियमित रूप से एक घंटे से अधिक) जो आपके शिशु को खुश रखने में विफल होते हैं और उन्हें बैचैन कर देते है, एक संकेत है कि शायद कुछ सही नहीं हैं। एक बार फिर स्थिति निर्धारण की जांच करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपका शिशु संतोषजनक मात्रा में दूध पी रहा है।
11. अपने स्तन पैड को नियमित रूप से बदलें क्योंकि गंदे स्तन पैड बैक्टीरिया विकसित कर सकते हैं।
12. स्तनपान रोकने के लिए धीरे से शिशु द्वारा बनाई गई सक्शन सील को समाप्त कर अपने शिशु को निप्पल से हटा लें। यह करने के लिए अपनी उंगली को अपने शिशु के मुंह के कोने तक धीरे से सरकाये और कोमलता से उन्हें दूर खींच लें।
13. अपने निप्पल पर थोड़ा दूध निचोड़े और इससे मालिश करें| यदि संभव हो तो अपने नीपल को थोड़ी देर खुली हवा में सूखने दें। यह स्वास्थ्य और सफाई रखने में मदद करेगा।