सभी श्रेणियां
चुस्त बच्चा
क्रिया और खेल
शिक्षण और विकास
डायपर टिप्स
टोडलर केयर पर विशेषज्ञ

छोटे बच्चे की अवस्‍था मेंसोच और तर्क

Biểu đồ từ mang thai đến ngày sinh nở cần thiết

आपका शिशु 2 वर्ष की आयु में पहुंचते-पहुंचते  समझने लगता है कि वे कौन है उनके आसपास मौजूद लोग कौन हैं। उसमें आत्-ज्ञान का विकास प्रारंभ हो जाता है और वे कारण और प्रभाव को सीखना शुरू कर देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उसकी सोचने की क्षमता में विकास प्रारंभ हो जाता है।

अधिक जानकारी के लिए इस केस स्टडी पर गौर करें:

एक दिन दो वर्ष की सारा दोनों हाथों में फूल लेकर एक दरवाजे तक चली जाती है। वह यह समझ कर रूक गई कि दोनों हाथों को व्यस् रख कर वह दरवाजे को खोल नहीं पाएगी।  उसने फूलों को फर्श पर रख दिया और दरवाजे की कुंडी को पकड़ने की कोशिश करने लगी। उसके बाद वह फिर रूकी यह जानकर कि खुलने के बाद दरवाज़ा फूलों को मसल देगा।  आखिरकार, फूलों को सुरक्षित स्थान पर रखने के बाद उसने दरवाज़ा खोला।

यह एक सामान् गतिविधि का उदाहरण था जिसके लिए कुछ सोचने की आवश्यकता थी। सारा के मन में अपनी हर गतिविधि के नतीजे की कुछ पूर्वकल्पना जरूर रही होगी। वह आगे के बारे में सोच रही थी और अपने कार्यों के परिणाम का आकलन कर सकती थी।

दृष्टिकोण और बदलाव पहचानने का तरीका बच्चे की आयु पर निर्भर करता है।

उदाहरण के लिए छोट शिशु हमेशा प्रयोग करते और सीखते हैं: सारा का पूर्वचिंतन उनके लिए संभव नहीं है क्योंकि वे अब भी ज्यादातर परीक्षण और त्रुटि से सीख रहे होते हैं। वे अपना ज्यादातर समय विभिन् चीजों को जिज्ञाशा के साथ छूकर और देखकर व्यतीत करतें हैं। अगर यह टुकड़ा गिर जाए तो क्या होगा? अथवा  इस गेंद को फेंकने पर क्या होगा? अथवा  अगर मैं पानी के अपने गिलास को पलट दूं तो क्या होगा?” छोटे बच्चे अभी इस बात को लेकर आश्चर्यचकित है कि चीजें कैसे काम करती हैं।

हालांकि बड़े शिशु प्रयोग से कम और कल्पना से ज्यादा सीखने की प्रवृति रखते हैं। जैसे-जैसे उसका संज्ञान बढ़ता है, चीजों को याद रखने की उनकी क्षमता बढ़ती जाती है। वे सीधे प्रयोग करने के बजाय किसी चीज को करने की कल्पना कर अपनी इच्छित गतिविधियों के नतीजों के बारे में समझना शुरू कर देते हैं। यह क्षमता कभी-कभी आपके नन्हे का बचाव करता है और उन्हें अपनी रुचि की चीजों के साथ खेलने में सक्षम बनाती है! जिस गति से वे नई चीजों या खिलौने का परीक्षण करते हैं वह आपको हैरत में डाल देगा।

शिशुओं के जीवन की यह अवस्था उनके द्रूत संज्ञानात्मक विकासों  में से एक है और बच्चे इन विशेष वर्षों में ही अपने तर्क और चिंतन का इस्तेमाल करना शुरू करते हैं। आप महसूस करते हैं कि अब वे बहुत अधिक प्रश्न पूछ कर और ज्यादा जिज्ञाशु हो रहे हैं। उस जिज्ञासा को और अधिक जगाना महत्वपूर्ण है,और कि उस पर रोक लगाना! माता-पिता की जिम्मेदारी निभाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि शिशुओं की सोच में आए बदलाव को समझें और अनुकूल प्रतिक्रिया दें।

रोचक आलेख

Biểu đồ từ mang thai đến ngày sinh nở
सक्रिय शिशु 27/01/2020

कार सीट का इस्तेमाल करते समय ध्यान में रखने योग्य 5 बातें

क्या आपने गौर किया है कि शिशु बाहर जाने के विचार को लेकर कितने उत्साहित होते हैं...

Biểu đồ từ mang thai đến ngày sinh nở
सक्रिय शिशु 27/01/2020

अपने शिशु के गुस्से से कैसे निपटें

माता-पिता के रूप में आपने देखा होगा कि आपके बच्चे का मूड अचानक बदल सकता है।ऐसी शुरुआती अवस्था में बहुत जल्द उनके अंदर अचानक...

am-i-pregnant-354X354
गर्भावस्था 02/12/2019

अपने बीच के संबंधों को मजबूत बनाएँ

शोध से पता चलता है कि ज्यादातर नए माता-पिता पारंपरिक भूमिकाओं की ही कल्पना करते हैं, जिनमें पुरुष दाता और महिला देखभालकर्ता की भूमिका निभाते हैं और वे अपनी नई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की चर्चा नहीं करते। कई सारे नए माता-पिता अक्सर अपने...

Hindi Register 300x300

विषय के साथ आलेख